Sunday, March 17, 2013

सुबह की महक

"आती है मदमस्त सुबह हर दिन को हर रोज़,
हर प्राणी में नए उतसाह का संचार भरती है सुबह,
पक्षी अपनी धुन में गाते हैं हर रोज़ सुबह,
नए मधु की तलाश में भवरें जाते कली कली,
घाट घाट पर जाती सखियां आपस में इठलाती हैं,
जाता हैं हर रोज़ सुबह किसान खेतों में सोना उगाने को,
चमकती है सूरज की धूप में किरणें आेस की,
यूं चमती हो मणि कोई,
गाता है हर व्यकित जीवन में गीत नया,
चढ़ती है हर रोज़ सुबह नए अरमानों के साथ सदा...."

© !!!!!!!!!
सुनील कुमार !!!!!!!!!! 11-03-2013.....

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