"तेरी सूरत की कशिश में फिदा यह दिल हुआ,
तेरी आंखों की
गहराई में डूबा यह दिल मेरा,
तेरी तमन्ना में
बीती हर शाम मेरी,
तेरी याद में
डूबी हर रात मेरी,
ख्यालों में तेरा
पहरा है हरदम अब तो,
के समाया है मेरी
रूह की गहराई में अब तू,
मुमकिन नहीं है
अब भूला पाना तुझको,
के मेरी हर दुआ
में शामिल तू है,
आशाआें के सपने
बुनता है दिल मेरा,
के कभी तो इजहार
ए मुहब्बत होगा तुझसे,
के अब तो मेरे रू
ब रू रहता है तू हर पल हर लम्हा,
के इतनी शिदत से
चाहा है मैंने तुझको,
के चाहा जिस कदर
इस फलक ने सितारों को है...."
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