"दिए तुमने मुझको प्राण,
जग में हमेशा बढ़ना सिखाया,
मेहनत करता लड़ना सिखाया,
मेरे दु:ख में,
मेरे सु:ख में,
खडे़ हमेशा साथ में तुम,
जब भी टूटा मैं हिम्मत से अपनी,
तुमने हमेशा हिम्मत बढ़ाई,
खुद को तुमने दिए कष्ट,
पर मुझको आंच न आने दी,
मेरी सफलता में हमेशा मुझको आगे बढ़ाया,
मेरी असफलता में दी प्रेरणा पल पल तुमने,
मेरे पिता ने हमेशा मुझको पल पल अपने साथ चलाया..."
© सुनील कुमार सलैडा 16/062013
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